Shikha Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -05-May-2022 - बाल विवाह

पढ़ाई की उम्र में न करो अत्याचार ,
बाबुल दे दो मुझको शिक्षा का उपहार।
पढ़ लिख कर मैं आंगन तेरा सजाऊंगी,
गर्व तुमको होगा, सीना चौड़ा कर जाऊंगी।
शादी का मतलब भी मुझको नहीं पता ,
बांधा तुमने क्यों ये बंधन मुझको दो बता ।
कच्ची सी अभी उम्र है मेरी बाबुल प्यारे,
जग को छोड़ो तुम साथ खड़े रहो हमारे ।
बाल विवाह मेरा जो आज हो गया ,
भरतार मेरा मुझको दूर जो ले गया ।
सपने सारे चूल्हे चौके में जलाऊंगी ,
बता दे बाबुल क्या चैन मैं तब पाऊंगी।
गरीब हो तुम पर पढ़ाने में लाचार नहीं,
कह दो बाबा तुमको मुझसे हैं प्यार नहीं ।
खिलखिलाती थी तेरे आंगन में बाबुल मैं,
आज देखो गुमसुम कितनी हो गई हूं मैं ।
बचपन मेरा मुझसे न छीनो तुम बाबा ,
मेरे तन मन पर ना पड़ने दो तुम डाका।
बंधन यह तो तब भी बंध जाएगा यहां ,
शिक्षित होकर मेरे साथ होगा जब जहां। 
बड़ी सयानी बनकर मैं ब्याह रचाऊंगी ,
साजन की मेहंदी हाथों में तब लगाऊंगी। 
बचपन मुझको अभी तो तुम मेरा जीने दो ,
अपनी बिटिया को तुम शिक्षित होने दो।
अपनी बिटिया को तुम शिक्षित होने दो।।


प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)

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13 Comments

Reyaan

06-May-2022 11:34 AM

👌👏

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Shrishti pandey

06-May-2022 10:20 AM

Very nice

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Abhinav ji

06-May-2022 06:46 AM

Very nice👍

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